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Aaganwadi Workers Salary Hike

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय हुआ दुगुना, अब मिलेगा ₹24800

भारत में महिलाओं की आर्थिक मजबूती के लिए कई सरकारी योजनाएं चलाई जाती रही हैं। इन्हीं योजनाओं का एक अहम हिस्सा आंगनवाड़ी सेवाएं हैं, जिनका उद्देश्य बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर वर्गों को पोषण व शिक्षा उपलब्ध कराना है। लंबे समय से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं बहुत कम वेतन में सेवा कर रही थीं। हाल ही में गुजरात हाई कोर्ट के आदेश से उनका वेतन बढ़ाकर कई गुना कर दिया गया है। यह कदम उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला साबित होगा और उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा।

वेतन में ऐतिहासिक वृद्धि

आंगनवाड़ी कर्मचारी ग्रामीण और शहरी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पहले कार्यकर्ता को ₹10,000 और सहायिका को मात्र ₹5,500 प्रतिमाह मिलते थे। लेकिन हाई कोर्ट के निर्णय के बाद अब कार्यकर्ता को ₹24,800 और सहायिका को ₹20,300 प्रतिमाह वेतन मिलेगा। इस बढ़ोतरी से एक लाख से अधिक कर्मचारियों को सीधा लाभ पहुंचेगा। इससे उनका जीवनस्तर सुधरेगा और उन्हें अपने कार्य के अनुरूप मान-सम्मान भी मिलेगा।

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Aaganwadi Workers Salary Hike

अदालत के आदेश का महत्व

जस्टिस सुपेहिया और जस्टिस आरटीओ वचाहानी ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा कि पहले दिया जाने वाला वेतन बेहद कम था और यह संविधान के अनुच्छेद 21 के अधिकारों का उल्लंघन है। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वे केंद्र के सहयोग से या अकेले न्यूनतम वेतन के मानकों के अनुसार भुगतान सुनिश्चित करें। यह फैसला पूरे देश में आंगनवाड़ी कर्मचारियों के लिए प्रेरणा का कारण बन सकता है और अन्य राज्यों में भी वेतन बढ़ोतरी का रास्ता खोल सकता है।

नए वेतन और एरियर का लाभ

यह संशोधित वेतन 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। इसका अर्थ है कि कर्मचारियों को बीते महीनों का एरियर भी मिलेगा, जो एकमुश्त भुगतान के रूप में दिया जा सकता है। इस अतिरिक्त धनराशि से उन्हें न केवल आर्थिक राहत मिलेगी बल्कि अनपेक्षित खर्चों को पूरा करने में भी सहायता मिलेगी। पहले जिन महिलाओं को मामूली वेतन में परिवार चलाना कठिन था, अब वे अपने बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य जैसी जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर सकेंगी।

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सहायिकाओं के लिए नई उम्मीद

पहले सहायिकाओं को बहुत कम वेतन मिलता था जिससे उनका जीवन संघर्षपूर्ण हो जाता था। अब उन्हें ₹20,300 मासिक वेतन मिलेगा। यह बदलाव उनके लिए आत्मनिर्भर बनने और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का अवसर है। आंगनवाड़ी केंद्रों में सहायिकाएं बच्चों के पोषण और देखभाल में अहम भूमिका निभाती हैं, ऐसे में यह निर्णय उनके योगदान को उचित मान्यता देता है।

जीवन स्तर और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार

वेतन बढ़ने से कर्मचारियों के जीवन स्तर में तो सुधार होगा ही, साथ ही आंगनवाड़ी सेवाओं की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। पर्याप्त वेतन मिलने पर कार्यकर्ताओं का उत्साह और समर्पण भी बढ़ेगा, जिससे बच्चों और महिलाओं को बेहतर देखभाल और पोषण मिल सकेगा। यह कदम न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सामाजिक विकास के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा।

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योग्यता और आयु सीमा

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पद के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास रखी गई है और आयु सीमा 18 से 40 वर्ष निर्धारित है। अब जब वेतन भी आकर्षक हो गया है, तो यह रोजगार महिलाओं के लिए और भी प्रेरक बन गया है। इससे अधिक पढ़ी-लिखी और योग्य महिलाएं इस क्षेत्र से जुड़ने के लिए आगे आएंगी।

भविष्य की संभावनाएं

गुजरात हाई कोर्ट का यह ऐतिहासिक निर्णय आने वाले समय में और बढ़ोतरी की संभावनाओं को मजबूत करता है। वर्तमान में वेतन ₹24,800 तक पहुंच गया है और भविष्य में यह ₹50,000 तक जाने की संभावना जताई जा रही है। यह कर्मचारियों के लिए एक नई आशा और सुरक्षा का संदेश है। इस कदम से यह साफ हो गया है कि अब आंगनवाड़ी कर्मचारियों को उनके काम के अनुसार उचित और सम्मानजनक वेतन मिलेगा।

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3 Comments

  1. नाम पूनम है और मैं 12वीं पास हूं हमको बहुत दिक्कत होती थी लेकिन अब तक

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